डॉ. अजय कुमार (सहायक प्राध्यापक)
आबगा पीढ़ीक पांताञ ढ़ेइर कवि, लेखक , शोधार्थी बा सहायक प्राध्यापक आइला, ओहे पांताञ डॉ. अजय कुमार जी गीनाइल हथ । इनखर जनम 10 फरवरी 1983 ईसवीं के हेल हइन । मांय - ललिया देवी आर बाप - अमृत महतो जी हथ । डॉ. जीक घर ग्राम - भलुआ, पोस्ट - सरण्डा, थाना- बिरनी, जिला- गिरिडीह लागइन ।
डॉ. जी छउवे बेराञ खुब चनफन आर तेजगर हलथ । इनखर मेटरिक लिखाइ - पढ़ाइ गांवेक इसकुले हेल हइन । आपन मांय - माटी भासाक परती अगाध परेम खातीर राँची विश्वविद्यालय, राँची कर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभागे खोरठाञ नाम लिखवला आर एम0 ए में परथम श्रणी में पास करला ।
आगु चइल के लगाइत तइयारी करइत रहला आर यू0 जी0 सी0 , नेट / जे0 आर0 एफ पास करला आर हुंवे विभाग से 'खोरठा प्रकीर्ण साहित्य सांस्कृतिक एक अध्ययन' बिषय से शोध कइर के 2021 में पीएच डी कर डिग्री लेला ।
एखन डॉ. जी सहायक प्राध्यापक कर रूपे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची में कार्यरत हथ ।
डॉ. जी खोरठाक एगो डटकर सवांग हथ, जे भासा आंदोलन बा भासा बिकास खातिर जिमीरजीट लागल रह हथ । हमारा इयाद हे, ऊ सब खोरठा भासा विभाग खुलवे खातिर बा पद सिरजीत करें खातीर विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग आर बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद कइयेक बेरा गेल हलथ । जहां एखन सर्टीफिकेट कोर्स चइल रहल हे ।
ई सब खोरठा भासाक मिटिंग बा सम्मेलन में आवइते रह हथ आर बइढ़ - चइढ़ के कामे हांथ बंटवो हथ । भासाक बिकास खातिर आरथिक , मानसीक सारीरिक सभे रकमेक सहजोग करइते रह हथ ।
डॉ. जी नुकाइल भासा गुलाके लेखन में सहजोग खातिर उनखा के बिसेस सम्मान से 2021 में सम्मानित करल गेलइ । (विलुप्त भाषाओं के प्रलेखन के सहयोग के लिए विशेष सम्मान - 2021)
खोरठा भासा बिकास खातिर ढ़ेइर लेख/आलेख, पत्र - पत्रिका में छापइत रहला । एखन लगाइत खोरठा भासाञ आपन कलम के चलवइत हथ । टावान हे कि 'खोरठा प्रकीर्ण साहित्य' चांड़े परकासित करे वाला हथ । हमरा लागे हे , इनखर किताब खोरठा भासा साहित आर पढ़वइया छउवा खातिर गुनकारी हेवत ।
आसा हे, खोरठा भासा साहितेक बिकास खातिर जिमीरजीट लागल रहता ।
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