तीन अउजार
एगो राजा ढेइर बुइध गियान आर सकत सवांगेक सासक रहऽ हलथ । उ आपन ले आगु केकरो के तनिको नाञ बुझऽहलथ , माने कहल जाय त आपन के अड़ीया राजा मानो हलथ । सय खातीर ओखिनेक आपने राइजेक लोक ओखिन से नाखुस रहथ आर कखनो उनखर सेना के माइर - पीट कइर दे हलथ । घने - घने अइसन माइर पीट से ओखिन दिकाय गेला आर सोजवारी आपन राइज पुरहइत ठीन गेला आर कहला , गुरू बाबा दुसमन हामर से कखनो माइर - पीट कइर देहथ मकीन एकर साडा - सबुत बा पछान हमरा तनिको नाञ लागे हे । चौंधवाइक बात त ई हे कि हामर से माइर पीट करे वाला दोसर राइजेक नाञ बिचकुन हमरे राइजेक लोक हथ । गुरू बाबा अबरी तोहीने काहा अइसन मे हाम कइसे बदला घुराइबय । तखन राइज पुरहइत कहऽहथ - बेटा तोञ उ सब के आंध -धुंधे माइर – पीट कर । राजा भोंकवाइ के राइज पुरहइत से कहला – अइसन त कोन्हो अउजार नाञ हेवे हे, जे दुसमन के अंध – धुंधे चलवल जाय सके हे । गुरू बाबा भाला तोहीने काहा अइसन अनठेहरी - अनदेखल लोक के भाला हाम कोन अउजार से मारब । । राइज पुरहइत कहला – हा तोहीन उ सबके अइसने अउजार से मारा जे लोहा बा कोन्हो सकत पाखन से नाञ बनल हे । मकिन जइसे ओखिनेक छाती बींधे वाला हे । राइज पुरहइत के बात के सुइन के राजा आर बखलाय गेलथ आर राइज पुरहइत से कहला , गुरू बाबा भाला अइसन कोन अउजार हे , कइसन रहे हे आर कहा पावा हे । हामे त अइसन अउजारेक नाम त काहुं सुनले नेखीये तोहीनेक मोचांञ ( मुंह)पहील सुइन रहल ही । तखन राइज पुरहइत कहला – उ तीन अउजार हे , पहील – आपन खेमोताय सोब परजा के खायेक - पियेक बेबऽसथा करावेक । जखन परजा के खायेक – पियेक मिलतय तखन उसभेक दुख - बेथा टा बेस भय जितय । दोसर अउजार हे – सुघर बोली बोइल के काम करावेक तीसर अउजार हे – राइजेक बेस लोक के मान सम्मान करेक । ई तीनो अउजार लोहा बा सकत पाखन के नाञ बनल हे , मकीन लोकेक छातीये ढेइर असर करेहे । जदी इ सब अउजार से आपन दुसमन सब के जीत लेबे । त उ सब तोहीनेक पेछु बाटे से माइर पीट नाय करबथुन आर तोहिनेक मुठाञ आय जाबथुन । राइज पुरहइत के बात सुइन के राजाक मगजे सइत चेठाक गियान होय जा हे । ओखिन तुरते आपन बेबहार के बदइल देला आर तनिके समञे परजाक दुलार बइन गेला । राजा आर परजा सोब हांसी - खुसी जीये लागला आर राजा तीन अउजार से आपन राइज पाठ के चलावे लागला ।
लेखक - संदीप कुमार महतो
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