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जनार्दन गोस्वामी 'व्यथित' (खोरठा कविता)


श्रध्दांजलि विशेष पर 
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जनार्दन गोस्वामी ब्यथित की परिचय 
(खोरठा कविता)
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सन् उन्नीस सउ छतीस ,
माराफरी सुन्दर ग्राम ।
ब्यथित जीक जनम, 
खोरठा साहितेक काम ।।

कसमारे मेटरिक पास करला ,
भेला जिला टॉपर ।
एहे बीचे पइला शिबुटांइडे, 
छउवा पढ़वेक ऑफर ।।

उन्नीस सउ छप्पनें करला बिहा , 
आरो बैंके नउकरी धरला ।
भगवानेक आसीसे , 
दू बेटी आर दू बेटाक बाप भेला ।। 

उन्नीस सउ छेयानबेञें भेला रिटायर,
सोंचला आबरी कुछु करेक चाही ।
बेटांञ खोरठा लिखेक देला सलहा, 
आर सोचला आकाश खूंटी से मिलवेक चाही ।।

आकाश खूंटी उसकउला ब्यथित जीके, 
खोरठांञ लिखेक प्रेरित करला ।
आर कतेक खोरठाक नामी , 
साहितकार गीतकार सेउ मिलउला ।। 

करला सुरू खोरठा लिखेक, 
काहे गीदर कांदे देला लिख ।
माराफरी काइबे बिस्थापितेक दुख बतउल
अरे मानुस उजरल खोंधा आबरी त कुछ सिख ।।

कविता गोछ सेंवांतिक बुंद ढेव, 
आरो लोर के परकासीत करला ।
छपउला खटरस , चांदिक जुता ,
मंजरी लिइख सिराय गेला ।।

खोरठा साहितेक सेवा करला,
आरो बढ़वला खोरठाक मान ।
श्रीनिवास पानुरी स्मृति सम्मान,
आरो पइला अखड़ा सम्मान ।

कवि - संदीप कुमार महतो 
खोरठा शोधार्थी 
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, राँची
राँची विश्वविद्यालय, राँची
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