करम परब हामिनकर हिञा नाञ हवे हलय , ई करम परब आबगा सरगे हवे हलय त सरगे करम परब करइते सवंय एक बेइर हुवां फूल सिराय गेल तखन हुंवाक लोक रथ साजाय के हामिन कर भरत भुमि फूल खातिर आय गेला । आर हिञा आय के एक बाटे रथ के ड़ड़ाय के सब फुल तरे गेला । सय सवंय एगो बेटी छउवा खांड़ा धोवेले रथ टा बाटे गेल रही बा ओकर दुवाइर ठांवे रथ टा ड़ड़वल हलय ।
ऊ बेटी छउवा टी रथ टांय जुठा पानी टा छिटकाय देलय । रथ टा असुद भय गेलय । जखन फूल तोरी के सब आइला तखन रथ टा चलाव लागला त रथ टा नाय उड़े लागल । फूल तोरवइया गिला सोचे लागला कि कोय रथ टा कोन्हो कइर देल हतय । त इटाक एगो उपाय आहाय कि ई गांवे अइसन कोय बेटी छउवा सवासीन बिना खाइल पियल हय त ऊ आय के जदी तनी छुई देतय त रथ टा फइर चले लागतय ।
तखन सब कोय वइसने बेटी छउवा खोजे हुवां ले चइल देला । गोटे गांवे नाय कोन्हो बेटी छउवा मिलल । आब कि उपाय हेतय । तखन एगो लोक कहो हय कि अरे भाय एक घारे आइज दु दिनेक पहिले हाम्ही देखल रहिये की ऊ सब दुइयो सास पुतोहु ढेइर जोर से झगड़ा लड़ल हला । ओकर पुतोहु टी हयसके दु दिन ले नाय कोन्हो खाइल हय । ऊहे बेटी छउवा टी एगो ठेकाने आही । दु चाइर गो लोक ऊ बेटी छउवाटीक ठांवे चइल गेला आर जाय के पुतोहु टीके पुछो हथिन कि गो बहु, दु दिन ले तोंञ खाइल नाय आहे ।तखन बेटी छउवा टी कहली नाय गो , हामे दु दिन ले नाय खाइल हियो गो । तखन सास टी सुनी पाइलय आर कहलय आइज ई दु लोकेक बल पायके हमरा अपमान करही । फइर सास टी कहलय - हामे नाही खाइल आहिये नव झीका खाय के ढकरइत रह ही आर एखन लोक गिला के कही दहय नाही खाइल आहिये । पुतोहु टी कहय कि ठीक आहय जदि हामे खाइल आहिये त रथ छुवे गेले नाही उड़तय आर जदि नाय खाईल हिये त रथ टा उड़तय ताब त सब लोकेक बिसुवास भेतो तखन हुवां ले सब लोक चइल देला । बेटी छउवा टीके कहोहथी, एगो तनी छुई देभी एहटांय काम भय जातय । तखन बेटी छउवा टी मने - मने सोचली की हामर त हिञा रहल आर नाय रहल बात बराबइर हे । बेटी छउवा टी रथ टा छुवेक छाडी के ऊ सोचली की रथ टाय बइसले कइसन लागतय तनी बइसी के त देखबय । बेटी छउवा टी रथ टाय अचाकाय जाय के बइसी देलय । रथ टा अचकाय उडी गेलय त बेटी छउवाटीयो कहलय कि चला बेसे भेलय तनी हाम्हु सरग देखीके त आइब की तरी हुवां हय आर होवहय । हुवां जखन पहुंचली त देखहइन जे , अरे हिया कते सुखे सब रह हथ । आर हामिन कर हुवां कते दुखे दिन काटो हथ । तखन पुतोहु टी सोचे लागली की आब हाम्हु सब के अइसने करे कहबइन । ऊ बेटी छउवाटी काकर घारेक रही गो , ना ओहे करमा - धरमा घरेक रही । धरमा कर बहु रही आर कोने दोसर झन इटा कहले बिसुवास लोके करतलथी सयले धरमा घारे आगु करमा पुजा होवेक सुरू भेलय । अस्ते - अस्ते गोटे गांवे भादर मासेक एकादसी दिने सब पुजा करे लागला आर सब माने लागला । खुब झुमइर लगावे लागला नाचे लागला । सब ठोके ठाक रहे लागला । सय खातिर बेटी छउवा के एकादसी करेक लागे तबे सास-पुतोहु मे सल्ह रहे पारभे । तबे भाय भायेक टा किना रकम हवेक चाही ? दुइयो भाइये मिली के विचार करला कि अरे करमा सब जदि घारे घुरी- घुरी एके गो कामे सब बाझी रहले ठीक नाय भेतय। से नाय एक भाय काम करे ले बाहइर जाय के देखेक चाही ।काहे कि नाम गुने काम होवय । जखन दुइयो भाये , एक भायेक नाम धरमा आर एक भायेक नाम करमा । त देखा नामे कि रकम ऊकतु देहय कि करमाय कहय धरमा कि अरे दादा तोही घारे रह आर करमा कहय जे, हाम्ही काम करे बाहइर जाइब। काहे कि तोंञ जाब बोड़ लागे त घारे सब काम तोहीं समराहवे पारबे । हामे घार के समरावे नाय पारब । तबे करमा काम करे बाहइर चइल गेल आर धरमा घारे रही गेल । तखन धरमा घारे पुजा-पाठ आर नाना रकमेक ताल के समरावे लागल ।
दुइयो बेगइत पांड़ेक पास गेला त पांड़े देखा सुना करल त हुवां पाड़े कहि देलय । की कहबन तोहिन त आपने सब बेंड़ावल हिया । तखन करमाय कहेहे पांड़े के कि - हे गो पांड़े बाबा ऐसन जदि दस करि पारल हिये त कहि दे, आर उटाक उपायो कहि दे। आर नाय त हामिन आर कि हिंया बिना खाइल पियल रहे पारबय। जखन काम करलो, नाय खायेक पावाहय , कुरय नाय पावाहय त कइसे दिन जातय । तखन पांड़े कही देहय - की सब ठीके हेतोन मनतुक करमाय एक बेइर करम डाइर के जे कुबराय के फेंकल रहथ सय करम डाइर के आपन से फइर जाय के जे दिन आनबे। सय दिन ले सब ठीक चले लागतन । तोहिन कर करम बान लागल होन सयले अइसन होवोहे । दुइयो बेगइत उपाय सोचे लागला कि जइसे हेतय करम गोसाय के आनब त घारे । नाय कोन्हो अन - चुन त कइसे बाहइर जावा हेतय । करमाक बहुय लोक घार ले आरवा भुसा आनी के ओहे भुसकुडाक रोटी पकाय के देला आर करमा के करम गोसाय के आने पइठावला । तखन चलल करम डाइर आने । चलइते- चलइते पियास लागी गेल त नदी धारीक पास चइल गेल । जखन पानीक पास गेल त पानी टांय पुरा पोका भेल रथी तखन पानी नाय पियल । ताकर बादे सोचल कि घारेक आनल रोटी टा आब खायब त जइसे
ऊ बेटी छउवा टी रथ टांय जुठा पानी टा छिटकाय देलय । रथ टा असुद भय गेलय । जखन फूल तोरी के सब आइला तखन रथ टा चलाव लागला त रथ टा नाय उड़े लागल । फूल तोरवइया गिला सोचे लागला कि कोय रथ टा कोन्हो कइर देल हतय । त इटाक एगो उपाय आहाय कि ई गांवे अइसन कोय बेटी छउवा सवासीन बिना खाइल पियल हय त ऊ आय के जदी तनी छुई देतय त रथ टा फइर चले लागतय ।
तखन सब कोय वइसने बेटी छउवा खोजे हुवां ले चइल देला । गोटे गांवे नाय कोन्हो बेटी छउवा मिलल । आब कि उपाय हेतय । तखन एगो लोक कहो हय कि अरे भाय एक घारे आइज दु दिनेक पहिले हाम्ही देखल रहिये की ऊ सब दुइयो सास पुतोहु ढेइर जोर से झगड़ा लड़ल हला । ओकर पुतोहु टी हयसके दु दिन ले नाय कोन्हो खाइल हय । ऊहे बेटी छउवा टी एगो ठेकाने आही । दु चाइर गो लोक ऊ बेटी छउवाटीक ठांवे चइल गेला आर जाय के पुतोहु टीके पुछो हथिन कि गो बहु, दु दिन ले तोंञ खाइल नाय आहे ।तखन बेटी छउवा टी कहली नाय गो , हामे दु दिन ले नाय खाइल हियो गो । तखन सास टी सुनी पाइलय आर कहलय आइज ई दु लोकेक बल पायके हमरा अपमान करही । फइर सास टी कहलय - हामे नाही खाइल आहिये नव झीका खाय के ढकरइत रह ही आर एखन लोक गिला के कही दहय नाही खाइल आहिये । पुतोहु टी कहय कि ठीक आहय जदि हामे खाइल आहिये त रथ छुवे गेले नाही उड़तय आर जदि नाय खाईल हिये त रथ टा उड़तय ताब त सब लोकेक बिसुवास भेतो तखन हुवां ले सब लोक चइल देला । बेटी छउवा टीके कहोहथी, एगो तनी छुई देभी एहटांय काम भय जातय । तखन बेटी छउवा टी मने - मने सोचली की हामर त हिञा रहल आर नाय रहल बात बराबइर हे । बेटी छउवा टी रथ टा छुवेक छाडी के ऊ सोचली की रथ टाय बइसले कइसन लागतय तनी बइसी के त देखबय । बेटी छउवा टी रथ टाय अचाकाय जाय के बइसी देलय । रथ टा अचकाय उडी गेलय त बेटी छउवाटीयो कहलय कि चला बेसे भेलय तनी हाम्हु सरग देखीके त आइब की तरी हुवां हय आर होवहय । हुवां जखन पहुंचली त देखहइन जे , अरे हिया कते सुखे सब रह हथ । आर हामिन कर हुवां कते दुखे दिन काटो हथ । तखन पुतोहु टी सोचे लागली की आब हाम्हु सब के अइसने करे कहबइन । ऊ बेटी छउवाटी काकर घारेक रही गो , ना ओहे करमा - धरमा घरेक रही । धरमा कर बहु रही आर कोने दोसर झन इटा कहले बिसुवास लोके करतलथी सयले धरमा घारे आगु करमा पुजा होवेक सुरू भेलय । अस्ते - अस्ते गोटे गांवे भादर मासेक एकादसी दिने सब पुजा करे लागला आर सब माने लागला । खुब झुमइर लगावे लागला नाचे लागला । सब ठोके ठाक रहे लागला । सय खातिर बेटी छउवा के एकादसी करेक लागे तबे सास-पुतोहु मे सल्ह रहे पारभे । तबे भाय भायेक टा किना रकम हवेक चाही ? दुइयो भाइये मिली के विचार करला कि अरे करमा सब जदि घारे घुरी- घुरी एके गो कामे सब बाझी रहले ठीक नाय भेतय। से नाय एक भाय काम करे ले बाहइर जाय के देखेक चाही ।काहे कि नाम गुने काम होवय । जखन दुइयो भाये , एक भायेक नाम धरमा आर एक भायेक नाम करमा । त देखा नामे कि रकम ऊकतु देहय कि करमाय कहय धरमा कि अरे दादा तोही घारे रह आर करमा कहय जे, हाम्ही काम करे बाहइर जाइब। काहे कि तोंञ जाब बोड़ लागे त घारे सब काम तोहीं समराहवे पारबे । हामे घार के समरावे नाय पारब । तबे करमा काम करे बाहइर चइल गेल आर धरमा घारे रही गेल । तखन धरमा घारे पुजा-पाठ आर नाना रकमेक ताल के समरावे लागल ।
करमा - धरमाक लीला
करमा गेल रहे बाहइर काम करेले आर धरमा घारे रही के चास बारी करे आर भादर मास जखन एकादसी दिन आवय तखन करम डाइर गाड़ाय के गोटे गांवेक लोक धरमाक दुवारी राइत भइर झुमइर लागाव हेला नाचो हला । से सवंय एकादसी हला जोखाय करमा काम करी के घार आवे हलाय । जखन करमा घार ले कुछू दुरे गाड़ी ले नाभल, जइसे दु पांच कोस ठीन ले आवो हल । गांवेक लोक एक आध गो करमाक संगे भेटाय गेला तखन करमाय पुछे हे घार बाटे कि रकम, तखन करमा के कही देलथीन गांवेक लोक गीलाय, कि कही देबो रे भाय तोञ त बाहइर निधंधांय चइल जाहे आर काम करी-करी घारे खाली पइसा देही । घारे तोर दादा करम डाइर गाइड़ दे हो आर गोटे गांवेक बेटी छउवा के खुबे नाचाओ हो आर आपने फेइर सब लोक के राइत भइर झुमइर लगवो हथु । एहे त एखन गांवेक हाल हो । आरो आर किना कहि देबो ? ई बात टा सुनी के करमाक लहइर फुटी गेलय आर सोचे लागल मने-मने कि आइज घार पहुचे दे, तबय बढीयां से उपाय सोचबय । करमा एहे एकादसीक दिने घार पहुची गेल । एहे ठीके राइत सात - आठ बजेक सवंये आर धरमा पुजा करे ले सब बेटी छउवाके बइसाय देल हय । सय समय करमा घार पहुची गेल । करमाक गात त पइलेहीं लहइर गेल रहय बाकी घारे देइख आरो गात लहइर गेल ।
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करमाक नाय सहाय लय तखन करमाय करम डाइर के ऐसन उखड़ावल आर अइसन भीइग देलय जे लंका पार भय गेलय । पुजा पाठ सब बंद भय गेलय । दुइयो भायेक झगडा सुरू भय गेल । दुइयो भाय भिंनाय गेला । चास बारी आपन - आपन बांटी लेला । आर आपन - आपन चास बारी करे लागला । धरमाक ठीके दिन जाय लागल ।करमाक दिने - दिने दुरदसा खराप भेल जाय लागल । धरमाक आरो बेस दिन जाय लागल ।
कुछु दिनेक बादे करमा धरमाक संगे फइर असते असते सठीयाय गेला । सावन मास फइर आय गेल तखन धरमाय आठ दसेक हार आर गोट पचासेक रोपनी रोज लगावे लागल । आर हुदें करमाक पेटो नाय चल हल त कइसे आपन खेत रोपत । धरमाक घारे लोक देखी के करमा बिना कहल आपन दादा बुझी के दुइयो बेगइत काम करे गेला । करमाय बहुक कहय हामे आइर कोदराय देबय आर तोञ धान रोइप देभी । एहे सोइच के दुइयो बेगइत काम करे चइल गेला । दुइयो आपन आपन कामे लागला । धरमाक बहु भिंझाचार लइके आय गेली आर सोब आइर कोदरवइया आर हारवा सब के हकाय के खाय ले देलअइन आर करमा के नाय हकावलय । त करमाय मने मने सोचल हामे घारेक लागीये । बादे हकावतय। धरमाक बहुय सबके एकाय - एकाय देलअइन आर करमाक बारी आइते आइते सब भिंझाचार सिराय जाहय । करमाक बहुक समयो आइते आइते वइसने फइर सिराय गेलय । दुइयो फइर सोचला कि आछा त भिंझाचार टा नाय भेलय त कलवा समयो त देतय । अइसने दुइयो आसे आसे रहला । कलवाक बेरांञ फइर करमा आर बहुक पारी आवइते फइर कलवा सिराय गेल । तखन फइर धिरज धरला की भींजाचार नाय भेलय कलवा नाय भालय कोन्हो बात नाय बियारीक सवंय त पावब । एहे सोइच के फइर रही गेला त बियारीक बेराहुं फइर दुइयोक पारी आइते - आइते सिराय गेलय । बियारीयो तब नाय , तखन किना करता । ताव दुइयो सोचला कि आछा खायेक नाय त कुरय टा त पावब । एहे सोइच के रहल । ताकर बादे धरमाय दु बिटा धान खोइल देलय आर सब हारवाहा आर रोपनी के दियेक सुरू नापी नापी के करलाय । सब हरवाहा आर रपनी के एकाय - एकाय कइर के देलअइन । करमा सभेक पारी जखन आइलय तखन फइर कुरय टाव सिराय गेल।khorthadarpan.blogspot.com
करमा गेल रहे बाहइर काम करेले आर धरमा घारे रही के चास बारी करे आर भादर मास जखन एकादसी दिन आवय तखन करम डाइर गाड़ाय के गोटे गांवेक लोक धरमाक दुवारी राइत भइर झुमइर लागाव हेला नाचो हला । से सवंय एकादसी हला जोखाय करमा काम करी के घार आवे हलाय । जखन करमा घार ले कुछू दुरे गाड़ी ले नाभल, जइसे दु पांच कोस ठीन ले आवो हल । गांवेक लोक एक आध गो करमाक संगे भेटाय गेला तखन करमाय पुछे हे घार बाटे कि रकम, तखन करमा के कही देलथीन गांवेक लोक गीलाय, कि कही देबो रे भाय तोञ त बाहइर निधंधांय चइल जाहे आर काम करी-करी घारे खाली पइसा देही । घारे तोर दादा करम डाइर गाइड़ दे हो आर गोटे गांवेक बेटी छउवा के खुबे नाचाओ हो आर आपने फेइर सब लोक के राइत भइर झुमइर लगवो हथु । एहे त एखन गांवेक हाल हो । आरो आर किना कहि देबो ? ई बात टा सुनी के करमाक लहइर फुटी गेलय आर सोचे लागल मने-मने कि आइज घार पहुचे दे, तबय बढीयां से उपाय सोचबय । करमा एहे एकादसीक दिने घार पहुची गेल । एहे ठीके राइत सात - आठ बजेक सवंये आर धरमा पुजा करे ले सब बेटी छउवाके बइसाय देल हय । सय समय करमा घार पहुची गेल । करमाक गात त पइलेहीं लहइर गेल रहय बाकी घारे देइख आरो गात लहइर गेल ।
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करमाक नाय सहाय लय तखन करमाय करम डाइर के ऐसन उखड़ावल आर अइसन भीइग देलय जे लंका पार भय गेलय । पुजा पाठ सब बंद भय गेलय । दुइयो भायेक झगडा सुरू भय गेल । दुइयो भाय भिंनाय गेला । चास बारी आपन - आपन बांटी लेला । आर आपन - आपन चास बारी करे लागला । धरमाक ठीके दिन जाय लागल ।करमाक दिने - दिने दुरदसा खराप भेल जाय लागल । धरमाक आरो बेस दिन जाय लागल ।
कुछु दिनेक बादे करमा धरमाक संगे फइर असते असते सठीयाय गेला । सावन मास फइर आय गेल तखन धरमाय आठ दसेक हार आर गोट पचासेक रोपनी रोज लगावे लागल । आर हुदें करमाक पेटो नाय चल हल त कइसे आपन खेत रोपत । धरमाक घारे लोक देखी के करमा बिना कहल आपन दादा बुझी के दुइयो बेगइत काम करे गेला । करमाय बहुक कहय हामे आइर कोदराय देबय आर तोञ धान रोइप देभी । एहे सोइच के दुइयो बेगइत काम करे चइल गेला । दुइयो आपन आपन कामे लागला । धरमाक बहु भिंझाचार लइके आय गेली आर सोब आइर कोदरवइया आर हारवा सब के हकाय के खाय ले देलअइन आर करमा के नाय हकावलय । त करमाय मने मने सोचल हामे घारेक लागीये । बादे हकावतय। धरमाक बहुय सबके एकाय - एकाय देलअइन आर करमाक बारी आइते आइते सब भिंझाचार सिराय जाहय । करमाक बहुक समयो आइते आइते वइसने फइर सिराय गेलय । दुइयो फइर सोचला कि आछा त भिंझाचार टा नाय भेलय त कलवा समयो त देतय । अइसने दुइयो आसे आसे रहला । कलवाक बेरांञ फइर करमा आर बहुक पारी आवइते फइर कलवा सिराय गेल । तखन फइर धिरज धरला की भींजाचार नाय भेलय कलवा नाय भालय कोन्हो बात नाय बियारीक सवंय त पावब । एहे सोइच के फइर रही गेला त बियारीक बेराहुं फइर दुइयोक पारी आइते - आइते सिराय गेलय । बियारीयो तब नाय , तखन किना करता । ताव दुइयो सोचला कि आछा खायेक नाय त कुरय टा त पावब । एहे सोइच के रहल । ताकर बादे धरमाय दु बिटा धान खोइल देलय आर सब हारवाहा आर रोपनी के दियेक सुरू नापी नापी के करलाय । सब हरवाहा आर रपनी के एकाय - एकाय कइर के देलअइन । करमा सभेक पारी जखन आइलय तखन फइर कुरय टाव सिराय गेल।khorthadarpan.blogspot.com
आब करमा आर ओकर बहु कि करता काहे कि बिना कहल काम करे दुइयो गेल रहथ घारेक बुझी के । जेटा सोची के गेल रहथ , सेटा नाय भेलय ओकर उलटा भय गेलय । तखन दुइयो सोचे लागला आब करबे त करबे कि दुइयो रागाय गेला । दुइयो सोचला कि चाल जतेक कोदरावल हिये सेटा हाम बेड़ाय देबय आर जतेक तोंञ रोपला हे, सेटा कुबराय देभी । दुइयो एहेटा सोचला आर दुइयो आपन-आपन काम के बेडावेक सुरू करला खेत जायके । करमाय कोदरावल आइर के बेडावेहे आर करमाक बुहय रपल धान कुबरावोही । सय सवंय गावेक अइसने बुइधगर लोक ओखनिक पास एक आध गो पहुंचला ।आर कहे लागलथ कि अरे पाप लागतन सय काम गीला दुइयो करे लागला हिया, कोन्हो दोसर बात जदि आहन त खुली के बोला ना जे समाधान भेतय । सेटा नाय छोडीके आरो गिरके बुइध सोचलिहा । तखन करमाय आर ओकर बहु कहलथीन एगो कोन्हो बुइध जदि अइसन आहन हेले कहि देना । तखन गांवेक बुइध जीवी लोक गिलांय कहथी जे हामिन किना कहि दिये पारबो । पांड़े गनक के देखावे ना, सब ओखनी कहि देबथु । तखन काम छोइड़ के दुइयो बेगइत पांडे घार जाय लागला त डहरे कते रकमेक आरो झन आपन- आपन दुख करमा के सुनावला कि हामरो सब उलटा भय जाहय , तनी हामरो टा पुछी लेभी ।
एगो बुढ़ी भेटाय गेलय त बुढ़ी मे करमा के कहे हे कि - अरे बाबु करमा कहां जाहे त करमाय कहेहे कि - हामे जेटा छुवही सेटा सब उल्टा भय जाहे सय खातिर पांड़े घार जाहीये । त बुढ़ीयें कह हय कि करमु तनि हमरो दोस हे , तनी हामरो टा खेयाल कइरके पुछी लेभी ना काहे कि- जे पिरहा टाय हामे बइस हिये सय पिरहा टा लटकले रही जाही । सेटा तनी दोस हामर हे । त फइर आगु बाटे जाय लागे हे एहे मांझे फइर एगो मेहरारू भेटाय गेलय । अहो कहेहे करमा के कि हामरो तनी दोस हे से तनी जाय हिया त तनी हामरो टा पुछी लिहाक ना कि झुरगुंड़ा टा हामर हाथे सटी जाही एहे टा तनी हामर दोस हे । आगु आरो एगो जनी भेटालय । ऊ कह ही कि ढेकी टाक साम्बा टा हामर हाथे लटकले रही जाहे सेटाव तनी पुछी लिहाक । एगो आर दोसर लोक कहेहे कि हामर गाये दुध लाल - लाल खुइन आय जा हय । दुइयो बेगइत पांड़ेक पास गेला त पांड़े देखा सुना करल त हुवां पाड़े कहि देलय । की कहबन तोहिन त आपने सब बेंड़ावल हिया । तखन करमाय कहेहे पांड़े के कि - हे गो पांड़े बाबा ऐसन जदि दस करि पारल हिये त कहि दे, आर उटाक उपायो कहि दे। आर नाय त हामिन आर कि हिंया बिना खाइल पियल रहे पारबय। जखन काम करलो, नाय खायेक पावाहय , कुरय नाय पावाहय त कइसे दिन जातय । तखन पांड़े कही देहय - की सब ठीके हेतोन मनतुक करमाय एक बेइर करम डाइर के जे कुबराय के फेंकल रहथ सय करम डाइर के आपन से फइर जाय के जे दिन आनबे। सय दिन ले सब ठीक चले लागतन । तोहिन कर करम बान लागल होन सयले अइसन होवोहे । दुइयो बेगइत उपाय सोचे लागला कि जइसे हेतय करम गोसाय के आनब त घारे । नाय कोन्हो अन - चुन त कइसे बाहइर जावा हेतय । करमाक बहुय लोक घार ले आरवा भुसा आनी के ओहे भुसकुडाक रोटी पकाय के देला आर करमा के करम गोसाय के आने पइठावला । तखन चलल करम डाइर आने । चलइते- चलइते पियास लागी गेल त नदी धारीक पास चइल गेल । जखन पानीक पास गेल त पानी टांय पुरा पोका भेल रथी तखन पानी नाय पियल । ताकर बादे सोचल कि घारेक आनल रोटी टा आब खायब त जइसे
रोटीक गांइठ खोलल तइसे रोटीयो मे पोका भय गेल रहे । आब कइसे खाइत त रोटीयो नाय खाइल आर भुखे पियासे चलय देल त आगु जाइते - जाइते एगो गाइछे कोयर मिलल त सोचल कि नाय दुगो कोयर खाइब । पास जाइके देखे हे , कोयरे मे ढेइर पोका तखन कोयरो करमाय नाय खाइल । फइर आगु जाइते जाइते डुमइर पाकल पाइल त डुमइर खाय खोजे हे तखन ओकरो मे पोका पावे हे । करमा कहेहे कि - हे करम बान कि करब हाम ।फइर आगु चलइत - चलइत देखेहे कि एगो गवारे जुताय दुध दुही के सब दुध के फेंकी देहय त करमाय गवार के कहहय कि किना ले फेंकी दयहीं देना हामे पि जाबय, तखन गवांरे कहहय कि - तोंञ आपन से दुध दुही के पि ले । जतेक मन कर हो ओतना । जखन गाय दुहे ले जाहे, करमा त गाये नाय दुहे दे हे । ई देइख के करमा कहे हे - हे करम बान की करब हाम । फइर आगु चले लागल आर चलइत चलइत ढेइर थकी गेल । तखन आगु बाटे एगो करमा के घोड़ा मिल गेल । करमा के देखी के घोड़ा आगु पाछु हवे लागल । मने - मने सोचे लागल कि हमरा चढवेक खातिर आइल हेताय । घोड़ाय चढ़ल त घोड़ा आगु बाटे कि लेगतय घोडा जन्दे ले करमा, गेल रहय तन्दय करमा के घोड़ाय घुराय आने लागल तखन करमा के आर आफइत बुझाय लागल । करमा घोडाक पीट ले झांइप दइ देल आर सोचे लागल की आगु बाटे जायेक चाही से पेछु बाटे ही आनल । फइर कहे हे - करम बान कि करब हाम । एहे बोलइते सोचइते करमा चइल देलय । जाइते जाइते आगु बाटे एगो नदी मिललय त ऊ नदी धाइरे पेरवा आर गिइध पानी पियले आइल हलथ । करमा के बेयाकुल देखी के पेरवा आर गिइधे पुछे लागल की दुख भेल आहो से ऐते बेयाकुल आहे , तखन करमा गिइध के आपन दुख सुनाय देल । गिधे करमाके कहि देहय कि - करम गोसाय सय सात समुदरे पार भेंट हेतो त कइसे समुदरे पार होवे पारबे । समुदरे मगरमाछ, सांप ढेइर आहत कइसे पार हेबे । करमा ओहे गिध आर पेरवा से बुइध मांगे कि - कन्ह बुइध बतावा ना बड़ी दुख भेल हे । गिइध आर पेरवा त बड़ी अगम जानी हेवहत सय ले ऊ सबहीं बुइध देलथी कि सिमर गाछेक छाल उपर ले ओड़ीबे तबय समुदरे पार हवे पारबे ।
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जइसे सांपे खाय खोजतो त ऊपर ले सिमइर कर कांटा पायके नाय खायतो । एहे टा सबले बेस बुइध हो । तखन करमा एहे बुइध टाय करल आर समुदर पार भय गेल । समुदरेक पारे करम गोसाय मइला, गोबर आर कदाक मांझे हथ । फइर करमा सोचे लागल कि कइसे करम गोसाय के भेंट करबय । तखन बिकारे गुं - गोबर कादा खुंइध के करम गोसायेक पास गेल । आर करम गोसाय के कसकसाय के धरला आर उखड़ावे खातिर हिलावे लागला । तखन करम गोसाय कहे हे - कि ले अइसन कर हिया छाडी दे' । करमा कहे हे कि बड़ी कसटोय कते दिनेक बादे भेंट भेल हे । आर तोहिन के हाम्ही ऐतना धुर आनल हियो । सय खातिर हामर करम बांन//// धरल हे । जेटा करोही सेटा उलटा भय जाहे । सय ले हामे आर तोहिन के बिना लेगल आर नाय छाडबन । करम गोसाय करमा के कहे हे कि - 'अइसे हामे नाय जाबो तोहें घार घुरी जा । हामे आपने चइल जाबो। काहे कि हामे जइसन हाले आइल हिये तइसने हाले जाबो । तोय जाय के भादर मासे सब बेटी छउवा के जावा उठाव कराइके एकादसी दिने हामर करम डाइर काटी के लेगबे आर ओहे करम डाइर संगे तोहर घार चइल आइबो' ।
एहे बात माइन के करमा आपन घार आवे लागल । हुन्दे ले जखन करमा समुदरेक पास आइल त देखेहे कि एगो सियार चली के पार होवे हे । सिमइर छाल ओड़ेक कि जउरत हे। तखन करम समुदरे चले लागल त ओकर घुठी हाड़ो नाय भींजल आर पार भय गेल। घुरेक बेइर जखन डुमइर गाछ पासे आवे हे । देखेहे कि डुमइर गाछे सोब पोका सिराय गेल हत । इ देइख करमा खुब डुमइर खायल आर हुंवाले चलल । आगु चलइते गोवार के पास आय गेल , फइर ओहे गाये दुध दुहे ले आराम से देलय । आर खुब दुध पिये लागल आर चलते - चलते जखन फइर धुन्ध कोयर के पास आइल त धुन्ध कोयरे सब पोका सिराय गेल रहथ । तखन कोयर पाकल सनसनाय के खाइल । फइर आपन बुसखुंड़ा रोटी के खोइल के देखे हे त सब पोका सिराय गेल रहथ । फइर घोड़ाक पास गेलय तखन घोड़ाक ऊपर चढ़ल । घोड़ाय घर बाटे बाढे लागल आर घार घुइर गेल । करमा आर धरमा एक संगे रहे लागला आर भादर मासेक एकादसी मे करम पुजा करे लागला । गोटा गांवेक लोक करम परब मनाय के खुब नाचे गावे लागला ।
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जइसे सांपे खाय खोजतो त ऊपर ले सिमइर कर कांटा पायके नाय खायतो । एहे टा सबले बेस बुइध हो । तखन करमा एहे बुइध टाय करल आर समुदर पार भय गेल । समुदरेक पारे करम गोसाय मइला, गोबर आर कदाक मांझे हथ । फइर करमा सोचे लागल कि कइसे करम गोसाय के भेंट करबय । तखन बिकारे गुं - गोबर कादा खुंइध के करम गोसायेक पास गेल । आर करम गोसाय के कसकसाय के धरला आर उखड़ावे खातिर हिलावे लागला । तखन करम गोसाय कहे हे - कि ले अइसन कर हिया छाडी दे' । करमा कहे हे कि बड़ी कसटोय कते दिनेक बादे भेंट भेल हे । आर तोहिन के हाम्ही ऐतना धुर आनल हियो । सय खातिर हामर करम बांन//// धरल हे । जेटा करोही सेटा उलटा भय जाहे । सय ले हामे आर तोहिन के बिना लेगल आर नाय छाडबन । करम गोसाय करमा के कहे हे कि - 'अइसे हामे नाय जाबो तोहें घार घुरी जा । हामे आपने चइल जाबो। काहे कि हामे जइसन हाले आइल हिये तइसने हाले जाबो । तोय जाय के भादर मासे सब बेटी छउवा के जावा उठाव कराइके एकादसी दिने हामर करम डाइर काटी के लेगबे आर ओहे करम डाइर संगे तोहर घार चइल आइबो' ।
एहे बात माइन के करमा आपन घार आवे लागल । हुन्दे ले जखन करमा समुदरेक पास आइल त देखेहे कि एगो सियार चली के पार होवे हे । सिमइर छाल ओड़ेक कि जउरत हे। तखन करम समुदरे चले लागल त ओकर घुठी हाड़ो नाय भींजल आर पार भय गेल। घुरेक बेइर जखन डुमइर गाछ पासे आवे हे । देखेहे कि डुमइर गाछे सोब पोका सिराय गेल हत । इ देइख करमा खुब डुमइर खायल आर हुंवाले चलल । आगु चलइते गोवार के पास आय गेल , फइर ओहे गाये दुध दुहे ले आराम से देलय । आर खुब दुध पिये लागल आर चलते - चलते जखन फइर धुन्ध कोयर के पास आइल त धुन्ध कोयरे सब पोका सिराय गेल रहथ । तखन कोयर पाकल सनसनाय के खाइल । फइर आपन बुसखुंड़ा रोटी के खोइल के देखे हे त सब पोका सिराय गेल रहथ । फइर घोड़ाक पास गेलय तखन घोड़ाक ऊपर चढ़ल । घोड़ाय घर बाटे बाढे लागल आर घार घुइर गेल । करमा आर धरमा एक संगे रहे लागला आर भादर मासेक एकादसी मे करम पुजा करे लागला । गोटा गांवेक लोक करम परब मनाय के खुब नाचे गावे लागला ।
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