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विनोबा भावे विश्वविद्यालय व बीबीएमकेयु में जल्द खुले खोरठा विभाग अन्यथा होगी बड़ी आंदोलन : संदीप कुमार महतो

खोरठा पद सृजन और विश्वविद्यालययों में  खोरठा भाषा विभाग की मांग को लेकर खोरठा प्रेमीयों ने किया : गुगल मीट के माध्यम से चर्चा परिचर्चा की गई ।

बैठक का मुख्य उद्देश्य - खोरठा भाषा पर पद सृजन और विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग व बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद में खोरठा विभाग खुलने की मांग को लेकर रखी गई थी । जिसमें कवि,लेखक, साहित्यकार , गीतकार , शोधार्थी ,सहायक प्राध्यापक और खोरठा विद्यार्थी समेत् तीस से चालीस लोग  जुड़े और सबों ने अपनी - अपनी विचार को रखी ।  डॉ आनन्द किशोर दाँगी ने कहा -खोरठा भाषा झारखंड की सबसे बड़ी भषा है।लगभग 16 जिलो में बोली जाती है।फिर भी विनोवा भावे विश्वविधालय ,सिंधु कान्हू विश्वविद्यालय, कोलंचल विश्व विद्यालय  जैसे शिक्षण संस्थानों में शिक्षक के पद सृजित नही है ।खोरठा भाषा उपेछित है । विनोवा भावे विश्विद्यालय में पद सृजन को लेकर 2014-15 से प्रयास किया जा रहा है ।किंतु अभी तक अस्वाशन के अलावे कुछ नही मिला है।एक बार फिर से पहल करने के लिए युवाओं से आग्रह किया गया ।आनंद जी ने कहा इस तरह की बैठक प्रत्येक महिना में होनी चाहिए।  जिसमें नये पुराने  साहित्यकारों को जोड़ा जाय । मीटिंग को आगे बढ़ाते हुवे खोरठा मांय माटी उलगुलान के अध्यक्ष तारकेश्वर महतो ने कहा की खोरठा झारखंड की बड़ी भाषा है । इसके अलावे  देश विदेशों में भी बोली जाती है । मानकीकरण पर भी इन्होंने चर्चा किये । पाठ्यक्रम से जुड़ी कई बातें रखें आगे  खोरठा भाषा की विकास को लेकर कई सुझाव भी दियें । वहीं  खोरठा शोधार्थी बसंत कुमार ने कहा खोरठा भाषा की विकास के लिए हम सबों को आगे आने की ज़रूरत हैं । खोरठा के  सहायक प्राध्यापक अजय कुमार जी ने कहा हम लोगों ने कई बार  ज्ञापन सरकार  और कुलपति को सौंपी है परन्तु अभी तक कोई पहल नही किया है ,  शोधार्थी आजाद वर्णवाल ने भी कहा  खोरठा पद सृजन और विभाग खुलवाने के लिए हम सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है । वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष ने खोरठा भाषा विकास , भाषा साहित्य को संरक्षण व संवर्धन के लिए कई बातों को स्पष्ट किया ।  झारखण्ड के सभी 10 +2  विद्यालययों में खोरठा भाषा की पद सृजन कर के नियुक्त किया जाय । खोरठा भाषा की निम्नस्तर से उच्चस्तर तक पढ़ाई प्रारंभ हो । कार्यक्रम की अध्यक्षता खोरठा साहित्यकार डॉ आनंद किशोर दांगी ने किया और संचालन खोरठा शोधार्थी संदीप कुमार महतो ने की । इस कार्यक्रम में  मुख्य तौर से अजय कुमार , विक्की कुमार  तारकेश्वर महतो, बंसत कुमार , अमीत करमाली , अजाद वर्णवाल , खोरठा गीतकार विनय तिवारी , शंकर कुमार , कुमार राय, लालू महतो महेंद्र कुमार, पंचानन भारती, राजेंद्र हजाम, संदीप कुमार महतो , मानिक कुमार , अनाम ओहदार,  सुरजीत कुमार, श्याम सुंदर , अब्दुल्लाह अंसारी, बसंत कुमार, धनंजय राम, अनुज कुमार, अनुभव कुमार, सुमित भारती, सुभद्रा कुमारी, डोली कुमारी, रीना कुमारी, समरेश अलबेला, प्रवीण कुमार, बंटी पटेल, भीम कुमार, जलेस कुमार महतो आदि ने भाग लिया ।।