विश्व आदिवासी दिवस
प्रकृति के पूजक व संरक्षक आदिवासी : डॉ मुकुन्द
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग सह स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग ,बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्याल ,धनबाद के संयुक्त तत्त्वावधान में डॉ भगवान पाठक की अध्यक्षता में विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या पर विचार संगोष्ठी संपन्न हुई । इस विचार संगोष्ठी में आदिवासी क्षेत्रीय भाषा खोरठा संथाली कुड़माली एवं हिन्दी भाषा में कविता कहानी आदिवासी जनजीवन , आदिवासियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि संस्कृति पर गीत- संगीत के माध्यम से शोधार्थियों एवं छात्र छात्राओं के द्वारा प्रस्तुति दी गई । पाण्डव महतो के द्वारा कुड़माली गीत " रिमिझिमि- रिमिझिमि", दीपक ठाकुर के द्वारा विष्णु सक्सेना की गीत " मैं वहीं पर खड़ा तुमको " शोधार्थी शिला के द्वारा नागपुरी गीत एवं मेघा सिंह के द्वारा हिन्दी गीत सोनी कुमारी के द्वारा आदिवासी कविता का पाठ किया गया । छात्र- छात्राओं में रानी गोस्वामी, प्रिया सिंह,आर्या तिवारी,किशन मोहली, सुधा रानी , सबिदा खातून,रानी रवानी ,प्रतिमा मंडल ,राहुल तिवारी , अभिषेक विश्वकर्मा , के द्वारा आदिवासी साहित्य व संस्कृति पर व्याख्यान दिया गया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ भगवान पाठक ने कहा आज आदिवासी दर्शन को अपनाना वैश्विक स्तर पर जरूरी हो गया है । डॉ मृत्युंजय सिंह ने कहा आज का यह आदिवासी संगोष्ठी न केवल देश व राज्य स्तर पर चर्चा का विषय है बल्कि वैश्विक परिदृश्य में आदिवासियों की दशा पर चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। डॉ मुकुन्द रविदास ने कहा प्रकृति के पूजक व संरक्षक आदिवासी हैं। 9 अगस्त 1994 से विश्व आदिवासी दिवस मनाने की जो परंपरा शुरू की गई है वह आज भी कायम है । परंतु उतने दीर्घावधि के पश्चात भी आदिवासियों की दशाओं में बहुत अधिक सुधार नही हो पाया है । आदिवासी दिवस मनाया जाना केवल और केवल कागजी आंकड़ो में ही दिखाई दे रही है । जल , जमीन और जंगल से बेदखल हुए आदिवासी प्रकृति से उतने ही दुर होते जा रहे हैं। परिणामत: असंतुलित होते पर्यावरण के कारण मानव विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त होते जा रहे हैं जबकि अपने रोगों का निदान आदिवासी समूह प्रकृति से ही प्राप्त कर लेते थे । शोधार्थी अनुपमा कुमारी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया । मुकेश कुमार महतो रूपा कुमारी शिवानी गुप्ता प्रियंका कुमारी नेहा कुमारी बबिता कुमारी लुसी टुडु सविता मुर्मु सावित्री मुर्मु रोमा कुमारी निलम कुमारी विनिता कुमारी सहित सैकड़ो छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।
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