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राँची - टुंडी विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो ने विधानसभा में शून्य काल में खोरठा और कुरमाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने हेतु सरकार से प्रस्ताव भेजने की मांग की गई। विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने विधानसभा के मौजूदा सत्र में दिनांक 20/03/23 को सदन में इस आशय की मांग करते हुए कहा -खोरठा और कुरमाली राज्य की सबसे बड़ी आबादी की मातृभाषा होने के साथ ही झारखंड के सबसे बड़े क्षेत्र की पारंपरिक संपर्क भाषा है। इस भाषा में पिछले चालीस वर्षों से अधिक समय से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्चतर कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है। निचली कक्षाओं में आठवीं स्तर इन भाषाओं में पढ़ाई का प्रावधान किया गया है। इन भाषाओं को राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा भी दिया गया है। इन भाषाओं में पर्याप्त साहित्य सृजन भी हुआ है और निरंतर जारी है। ये झारखंडी भाषाएं संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित होने की अर्हता रखती हैं। इसलिए इन भाषाओं को जन हित में संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कराने हेतु केंद्र में प्रस्ताव भेजा जाए। इस पहल के लिए खोरठा साहित्यकार दिनेश दिनमणि, खोरठा गीतकार विनय तिवारी प्रोफेसर डॉ अजय कुमार खोरठा शोधार्थी संदीप कुमार महतो ,चर्चित लेखक देव कुमार,समाजसेवी राजीव तिवारी इत्यादि लोगों मननीय विधायक मथुरा प्रसाद महतो जी को हार्दिक बधाई दी है।
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