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आवा पानुरी जी के जयंती मनाव : प्रयाग महतो

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पानुरी जी के जयंति दिवसेक हवेहे आइझ तइयारी
 संचालन करता सबके उमंग उतसा हे भारी
पुनइ तिथि के अवसर पर उपसतिथी के बना भागीदारी ।।
खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवड्डाा में मंच हे तइयार
आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
सबके परयास से हीं " माञ कोरवा भासाक" हेवत उतथान
अ‌ॆकर उतथाने खातिर कवि लेखक, गीतकार के जुटान ।।
ऄह मंचेक भीतर खोरठा के बिसएं देता भासन बयान 
खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार 
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
 आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
सभी ने बुझेहे खोरठा भासाके परचार परसारे ककरो धयान नाञ झारखंड़ी नेताइ ‌ ओकर लइ आपन मत देहथ भासन बयान 
खोरठा राजकीय भासा भेलें बाढ़त एकर मान सनमान
 खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार 
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार ।।
आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार
डा० मुकुन्द रविदास जी हरदम राखहथ मातरी भासा से नाता
 उनि आपन विचारें कहला खोरठा भासाक परचारें ध्यान राखा 
आपन भासाके आगुबढवा माञ माटी मानुसेक अहे आसा
 खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
 आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
मानिन मदन मोहन त्वरण जी के रहइसमयी कविता 
आसानी से बुझेक सभीन के नाञ हे ओकर रकम छमता
ई झारखंडेक माटी में हवेहे बावन राइजेक लअकेक कलयान 
आखीर कि लागे माञ माटी मानुस के असल पहचान
 खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार 
25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
महेन्द्र प्रबुध जी के कलमें हे बड़ी कठीन जोस 
कहानी कविता लेख नाटक पढ़ले उड्ड़ जीतो होस 
इनखर लेख कविता नाटक में हे सजीव जादुगीरी टाटक 
पइढके देखा खुइल जीतो गियान के फाटक परतके परत 
खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार 
25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
 *विनय तिवारी* जी के हे खोरठा में अहम जोगदान 
आखरी मुकाम तक पहुँच गेल इनरवर मधुर गीत गान 
खोरठा भासा के आगु बढ़वेक में जागल लागल रहथ साझ विहान खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
 आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
पानुरी जी के पुनइ तिथि पइत बछर मनवल जाहे खोरठा दिवस के रूपे 25 दिसंबर टा खेहाल राखभें खोरठा पेरेमी आपन मोनें
प्रयाग ध्यान लगाइ हे सुने खातिर नाञ सुनाइ वहिर कानें 
खोरठा के जगवे बढवेक सहजोग करेक सबके उपर हे भार
 25 दिसंबर के सुअवसर पर बरवाड्डा में मंच हे तइयार 
आवा खोरठा भासी तोहनी सबके इहाँ हे इंतजार ।।
               
           कवि - प्रयाग महतो
     ग्राम एवं पोस्ट - ,बागदहा
    राजगंज, धनबाद, झारखंड