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खोरठा दिवस 102 वीं जन्म समारोह सह सम्मान समारोह संपन्न



खोरठा महान कवि श्रीनिवास पानुरी जयंती की 102 वर्ष पूरे होने पर धूमधाम से *खोरठा दिवस*  102 वीं जन्म समारोह सह सम्मान समारोह संपन्न।
आयोजक- खोरठा साहित्य-संस्कृति परिषद, झारखंड।

आज 25 दिसंबर 2022 को पटेल छात्रावास कांकेबार बाईपास रामगढ़ में खोरठा के महान कवि श्रीनिवास पानुरी जन्म दिन पर खोरठा भाषी खोरठा दिवस के रूप मनाते है, इस वर्ष 102वीं जन्मदिन समारोह खोरठा दिवस सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि के साथ प्रारंभ किया गया, इसके बाद खोरठा कर्मीयों को खोरठा भाषा, साहित्य, संस्कृति,में विभिन्न कार्यो में उत्कृष्ट योगदान के लिए घोषित सम्मान से सम्मनित किया गया।

*1.श्रीनिवास पानुरी स्मृति साहित्य सम्मान।*
 (खोरठा साहित्य की दीर्घ कालीन सेवा के साथ कम से कम तीन उत्कृष्ट साहित्यिक खोरठा पुस्तकों का प्रणयन-प्रकाशन। )
   (1). मानिन् चितरंजन महतो 'चित्रा' 2021
   (2). मानिन बंशीलाल बंशी (मरणोपरांत) 2022

*2. ए के झा स्मृति खोरठा भाषा सम्मान 2020।*
(खोरठा भाषा के विकास में व्यवस्थित और अति महत्वपूर्ण कार्य के लिए)
    (1). मानिन् बासुदेव महतो 2021
   (2). मानिन डॉ पारसनाथ महतो 2022

*3. विश्वनाथ दसौंधी 'राज' स्मृति खोरठा पत्रकारिता सम्मान।*
(खोरठा पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु।)
   (1) मानिन् महेंद्र प्रबुद्ध, 2021
   (2). मानिन दीपक सवाल ,2022
*4.खोरठा सेवा सम्मान*
(खोरठा भाषा साहित्य संस्कृति के क्षेत्र में दीर्घ कालीन बहुआयामी योगदान हेतु)
    (1) मानिन् जीतू महतो, 2021
   (2). मानिन  मनपुरण गोस्वामी, 2022
   
*5. खोरठा 'कला-संस्कृति रत्न'*
   खोरठा लोकगीत-संगीत-नृत्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु।
   (1) मानिन् बासु बिहारी , 2021
   (2). मानिन चंद्रदेव कपरदार, 2022

*6.खोरठा विशेष सम्मान-2022*
  (1). बिनोद कुमार महतो 'रसलीन'
प्रतीक चिह्न (मेमोंटो) ,प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र ,उपहार पैकेट एवं घोषित नगद राशि प्रदान किया गया।

इस इस मौके पर खोरठा के विभिन्न विधाओं में खोरठा के लेखक कवि राइटर के द्वारा लिखा गया 10 पुस्तकों का विमोचन/ लोकार्पण किया गया जिसमें सबसे-

1.तितिकी पत्रिका
2.मचान ऊपर उलगुलान (व्यंग) लेखक-शांति भारत
3.नीमछिछकी (कहानी संग्रह) लेखक-शांति भारत
4.पइनसोखा (द्वितीय संस्करण)लेखक- सुकुमार
5.खोरठा व्याकरण लेखक - अनाम ओहदार
6.जुरगुड़ा (कविता संकलन) लेखक-संदीप कुमार महतो
7.खोरठा शब्दावली मुहावरे एवं लोकक्तियाँ  लेखक-डॉ डी.सी.राम
8. मनुसेक धरम (कविता संग्रह) गिरिधारी गोस्वामी'आकाश खूंटी
9.रिकसा वाला (उपन्यास) लेखक- मनपुरन गोस्वामी
10.सोनाक तीतिर लेखक- (खोरठा कविता )



कार्यक्रम में सुकुमार, प्रदीप कुमार दीपक,,बसुबिहारी चंद्रदेव कपरदार ने अपने अपने गीत से उपस्थित लोगों को  मंत्रमुग्ध कर सभा को सरस बना दिया। 
 
सबसे पहले तितिकी पत्रिका के संपादक शांति भारत ने श्रीनिवास पानुरी जी के जीवनी पर  संक्षेप में प्रकाश डाला।


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि झारखंड के प्रेमचंद कथाकार कालेस्वर गोप  ने कहा राज्य सरकार से खोरठा भाषा को  भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसको  लेकर वह सदन से लेकर सड़क तक मुखर रहने की जरूरत है। कहा कि हम सबको खोरठा भाषा के विकास एवं संवर्धन के लिए निरंतर काम करने की जरूरत है। खोरठा भाषा को समृद्ध एवं विकसित करने के लिए जिन लोगों ने पुस्तक, उपन्यास, कहानी व गजल का लेखन किया है वह लोग हम सब के  अनुकरणीय है। इस बात का ध्यान खोरठा भाषा- भाषियों को भी रखना पड़ेगा।


 डॉ. लंबोदर महतो ने बतौर मुख्य अतिथि  कहा कि श्री निवास पानुरी जी एवं ए.के.झा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से सम्मनित करने की मांग करते है। विधानसभा में लगातार झारखंड के क्षेत्र एवं जनजातीय भाषाओं के सवाल पर मुखर होते रहे हैं।आगे कहा कि  खुशी की बात है कि खोरठा भाषा की पढ़ाई स्कूल, कॉलेज एवं  यूनिवर्सिटी में हो रही है और यह एक दिन में नहीं हुआ है बल्कि यह एक लंबे संघर्ष का नतीजा है। इसको देखते हुए हम सबको उमंग व उत्साह के साथ खोरठा भाषा के विकास में सक्रियता से लगे रहने की जरुरत है।  उन्होंने कहा कि सभी सरकारी गैर सरकारी विश्वविद्यालयों में खोरठा समेत झारखंडी भाषाओं की पढ़ाई सुनिश्चित करने के हमने सरकार से आग्रह किया है। हमने झारखंड साहित्य एकादमी के गठन की भी मांग की है। 

इससे पहले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के  खोरठा विभाग के अध्यक्ष  डॉ बिनोद कुमार  ने अपने संबोधन में कहा कि भाषा संस्कृति एवं परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है और ऐसा होने से ही समाज भी आगे बढ़ता है। लिखित ढंग से पुनर्जागरण करने  की भी जरुरत है। खोरठा भाषा के लोग खोरठा के विकास में लगे हुए हैं यह  प्रशंसनीय कार्य है और इस तरह के प्रयास से ही झारखंड भी आगे बढ़ेगा। 

रामगढ़ महाविद्यालय में पदस्थापित  डॉ शारदा प्रसाद ने परिषद को शुभकामना देते हुवे खोरठा दिवस पर बधाई संदेश प्रेषित करते हुवे कार्यक्रम को अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक बताया।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अध्यक्ष बी. एन.ओहदार ने कहा कि खोरठा भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल  करने को लेकर हम सबको संघर्ष करना पड़ेगा। इसको लेकर राज्य सरकार  पर निरंतर दबाव बनाए रखना पड़ेगा। कहा कि खोरठा भाषा का गौरवशाली इतिहास है। इस मौके उन्होंने खोरठा साहित्य संस्कृति परिषद के कार्यालय के लिए अपनी  10 डिसमिल जमीन दान करने की घोषणा की। 


 इसके पूर्व नागपुरी साहित्यकार डॉ शकुंतला मिश्रा अपने विचार में ऐसे आयोजन की प्रशंसा की और कहा कि यह खोरठा भाषा के विकास का परिचायक है। खोरठा के पुरखा श्री निवास पानुरी सहित सभी अगुवा जो अब हमारे बीच नहीं हैं पर उनके विचार कार्य हमेशा हमारे साथ है आज के कार्यक्रम देख कर आनंदित हो रहे होंगे खुश होकर आशीर्वाद दे रहे होंगे।


समारोह के प्रारंभ में विषय प्रवेश एवं आए अतिथियों व विद्वत जनों  का स्वागत करते हुए परिषद के सचिव सुजीत कुमार ने कहा कि  झारखंड में खोरठा भाषा व्यापक क्षेत्र में बोली जाती है। यह भाषा डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों की भाषा बन चुकी है। राज्य के 17 जिले में खोरठा भाषा- भाषी लोग रहते हैं। परिषद का उद्देश्य भाषा के विकास के साथ-साथ समाज का कल्याण भी करना है। 

खोरठा पत्रिका लुआठी के संपादक गिरधारी गोस्वामी अकाशखूंटी के द्वारा खोरठा साहित्य प्रकाशन और दस्तावेजीकरण के पहलुओं पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गये। 
    इस समारोह में सम्मानित साहित्यकारों भाषा-संस्कृति कर्मियों समेत शांति भारत, सुकुमार, परितोष प्रजापति, पंचम महतो प्रदीप कुमार दीपक गजाधर महतो प्रभाकर
डॉ डीसी राम, प्रो बीरबल महतो आदि ने गरिमामय उपस्थिति दी। अनंत ज्ञान, रंजीत कुमार, छत्रधारी कुमार ने आदि नवोदित  कवियों ने कविता पाठ की। कवियित्री गुलांचो कुमारी, सुजाता कुमारी, मीनाक्षी प्राजिता ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
स्वागत गान अंजु कुमारी एवं उनकी सहेलियों ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन दिनेश दिनमणि,सुजीत कुमार ने किया।
     समारोह की सफलता में अनाम ओहदार, प्रोo पूर्णकान्त कुमार,विक्की कुमार, संदीप महतो, नागेश्वर महतो,कुलदीप कुमार केडी, डॉ कृष्णा गोप, बसंत कुमार, डॉ अजय कुमार, राजेश कुमार, ओम प्रकाश महतो,  शैलेश कुमार, एवं राजेश कुमार, शालिनी ओहदार, असमी ओहदार ने अपना-अपना सकारात्मक योगदान किया।  
   समारोह में थानेश्वर महतो ,शिव कुमार जायसवाल , रेखा कुमारी महेंद्र कुमार  ,तीर्थ नाथ आकाश, चित्रकार श्याम केवट, दीपिका कुमारी, शिला कुमारी,बसंती कुमारी, प्रतिमा कुमारी कामेश गोस्वामी, छत्रधारी कुमार,सुमित कुमार, प्रतिभा रानी,बबलुलाल महतो ,बिनोद महतो, मनोज यादव, योगेश भारती, सहित सहायक शिक्षक,राधे श्याम साहू , प्रो नागेश्वर महतो, अजय चित्रा,  अनिकेत ओहदार, गुड्डू ओहदार,ओमप्रकाश महतो, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के छात्र छात्रा  रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के छात्र-छात्राओं  की उपस्थिति रही ।

धन्यवाद ज्ञापन विक्की कुमार ने दिया।।