झारखण्ड की भाषा, कला-संस्कृति,शिक्षा से संबंधित विशेषज्ञ से संबंधित विशेषज्ञों ने अब तक की सबसे बेहतर झारखंड सामान्य ज्ञान की पुस्तक बताते हुए दिये बहुमूल्य
रविवार को प्रेस क्लब, राँची स्थित कॉन्फ़्रेंस हॉल में करम फ़ाउंडेशन राँची द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झारखण्ड सामान्य ज्ञान की अनोखी पुस्तक 'मैं हूँ झारखंड' का प्रख्यात विशेषज्ञ शिक्षाविदों द्वारा समीक्षा की गई। इस दौरान सर्वप्रथम ओरमांझी क्लस्टर टीम की दीदियों द्वारा अतिथियों का झारखंडी रीति- रिवाज से चंदन-तिलक लगाकर, लोटा-पानी के साथ स्वागत किया गया। विधिवत रूप से कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ बहनों द्वारा स्वागत गान और अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर किया गया। कार्यक्रम का विषय प्रवेश ‘मैं हूँ झारखण्ड’ के लेखक श्री देव कुमार जी एवं उनके सहयोगी प्रदीप मौर्य द्वारा कराया गया। समीक्षक के रूप में उपस्थित मुख्य अतिथि डा0 अभय सागर मिंज ,सहायक प्राध्यापक, मानवशास्त्र विभाग, डाँ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची ने इस पुस्तक को गागर में सागर के समान बताया, उन्होंने कहा कि अभी तक जितनी भी इस तरह कि किताबें लिखी गई है सारी बाहरी लेखकों ने लिखा है परन्तु यह किताब एक झारखंडी द्वारा तथ्यों कि पुष्टि कर लिखी गई है। विशिष्ट अतिथि- प्रो.दिनेश कुमार दिणमनि ,सहायक प्राध्यापक, खोरठा साहित्य, टी.आर.एल.,राँची ने इस पुस्तक के बारे में बताया कि यह कोई सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं तक सीमित पुस्तक नहीं है बल्कि इसे झारखण्ड की सही जानकारी विकसित करने वाले दस्तावेज की तरह भी देखा जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने उपस्थित जन समूह से इसे हर हाल में अपने पठन-पाठन सामग्री में शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने पुस्तक लेखक में मुख्य सहयोग की भूमिका निभाने वाले नेतरहाट विद्यालय के छात्र रहे प्रदीप मौर्य की भी सराहना की। श्री आर.के.पाण्डेय ,निदेशक, जोहार एडु कैंपस ने बतौर एक्सपर्ट यह सलाह दी कि वाकई यह किताब स्टूडेंट फ्रेंडली है,प्रत्येक अध्याय में विगत वर्षों में परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को चिन्हित किया गया है लेकिन अलग से प्रश्न बैंक पर भी छात्रों के हित में कार्य करने की भी सलाह देते हुए कहा कि यह वाकई अभी तक के सारे झारखण्ड सामान्य ज्ञान कि किताबों से बेहतर है साथ ही उन्होंने सलाह दी कि जल्द ही इसका ऑब्जेक्टिव एडिशन भी प्रकाशित करना चाहिए. रामाकांत महतो ,निदेशक, सृजन सिविल सर्विसेज ने युवा लेखक को इतनी कम उम्र में इस बेहतरीन पुस्तक को छात्रों और झारखण्ड कि समझ जुटाने वाले लोगों के लिए लाने हेतु काफी सराहना की, उन्होंने उम्मीद जताई कि झारखण्ड प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए निश्चित रूप से यह काफी कारगर साबित होगी। संदीप कुमार यादव ,निदेशक-झारखंड लाइव ने कहा कि यह किताब हरेक दृष्टिकोण से बेहतर है इस तरह का कलरफुल और नए सूचनाओं से भरा सचमुच ही छात्रों के लिए वरदान शाबित होगा। रमण कुमार ,निदेशक, अतुल्य आईएएस ने इस पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि अभी तक छात्र जिन कठिनाइयों का सामना कर रहे थे उन्हें इसमें परिष्कृत करने का कार्य किया गया है और लगभग त्रुटीरहित एक शानदार प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए काफी उपयोगी किताब हमारे लिए उपलब्ध कराया गया है । अनंत कुमार ,सेवानिवृत्त, बिहार लोक सेवा आयोग, पटना ने कहा कि यह हमलोग के लिए गर्व की बात है कि आज विपरीत परिस्थितियों में रहकर भी ऐसे लेखक उभर रहे हैं जो झारखण्ड कि कला, संस्कृति और तथ्यों को प्रमाणिकता को समाहित कर ऐसे उपयोगी पुस्तक लिख रहे हैं. समाजसेवी व प्रखर वक्ता मनोज यादव ने कहा कि वे इस पुस्तक को पढने के बाद निश्चित तौर पर यह कह पा रहे हैं कि यह किताब काफी संजीदगी से विषय वस्तुओं को परीक्षा की दृष्टि से इसमें रखा गया है. खासतौर से कहा कि इसमें विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों को तारांकित किया गया है जिसका लाभ तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अवश्य मिलेगा. छात्रहित के लिए सदैव तत्पर रहने वाले व समाजसेवी श्री देवेन्द्र नाथ महतो जी ने छात्रों बताया कि जब इस पुस्तक के बारे में जानकारी मिली उत्सुकतावश उसी समय बाजार से खरीदकर इसे पढ़ा और पढने के बाद ऐसा महसूस किया कि सचमुच यह झारखण्ड के छात्र-छात्राओं के लिए सर्वाधिक उपयोगी है इसे झारखण्ड के हरेक व्यक्ति को पढना चाहिए. डाँ. सुरेश कुमार ,रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय, राँची, विनय कुमार, डेवलेपमेंट एक्सपर्ट बी.के.अरविंद ,ग्रामीण विकास विशेषज्ञ,परफेक्ट ट्युटोरीअल, रांची के निदेशक देवेन्द्र कुमार आदि ने इस पुस्तक के साथ-साथ आने वाले नए पुस्तकों के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दी.
इस अवसर पर संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और मुख्य अतिथि डाँ. अभय कुमार मिंज द्वारा देव कुमार जी के माता-पिता व परिवार वालों तथा अतिथियों को झारखण्ड की पहचान लाल पाड़ वाला गमछा एवं पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन का सन्देश देने वाले सजीव पौधे देकर सम्मानित किया गया साथ ही अतिथियों द्वारा शिक्षा, कला-संस्कृति, खेल-कूद आदि में विशिष्ट योग्यता के साथ उभरते प्रतिभाओं जैसे- सावित्री कर्मकार गायिका, जयलाल महतो गीत लेखक, भरत जीत लीफ आर्टिस्ट,मनीष कुमार चित्रकार,सौरभ प्रमाणिक चित्रकार, पन्ना लाल बर्डमैन आँफ झारखंड,सुजीत मुंडा क्रिकेटर, निखिल मिहुल कल्पतरु मित्र,समीर,पी.एस.भेंगरा, अशोक कुमार आदि को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. चर्चित खोरठा गीतकार विनय तिवारी ने बताया कि कितना तारीफ करूँ कम होगा, इतिहास न बने तो गम होगा। अभिनेता अमन राठौर ने कहा कि यह झारखण्ड के बारें में ऐतिहासिक किताब साबित होगा।इस कार्यक्रम में करम फाउंडेशन के अध्यक्ष अरूण महतो,राजीव कुमार, संदीप कुमार,युगेश भारती, नागेंद्र कुमार के अलावा सैकड़ों की संख्या में शिक्षाविद, अभिभावक, छात्र-छात्राएं, सामाजिक कार्यकर्त्ता आदि उपस्थित थे. मंच का सफल संचालन आरती सिंह द्वारा किया गया।
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