जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच के द्वारा आयोजित 9 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ_समापन।
कसमार प्रखंड के सिंहपुर इंटर कॉलेज परिसर में
रविवार देर रात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम सह सम्मान समारोह का आयोजन जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच, सिंहपुर की ओर से किया गया। इसमें झारखंडी लोक कला एवं संस्कृति से जुड़ी झूमर नाच, पांता नाच, घोड़ा नाच एवं खोरठा गीतों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की गई। साथ ही कार्यशाला में प्रशिक्षित बच्चों ने भी लोक कला व नृत्य की प्रस्तुति की। इसके अलावा पिछले एक अप्रैल से चलाए जा रहे नौ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन भी इस कार्यक्रम से हुआ। यह कार्यक्रम
सांस्कृतिक निदेशालय,कला संस्कृति खेलकूद युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच, सिंहपुर, बोकारो के द्वारा आयोजित की गई थी। जिसमें स्थानीय नए चयनित लोक कलाकारों को कला संस्कृति से जुड़ी नौ दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो, विशिष्ट अतिथि के रूप में बेरमो के एक्सक्यूटिव मैजिस्ट्रेट सत्यनारायण पासवान, प्रमुख नियोति दे एवं जिप सदस्य अमरदीप महाराज मुख्य रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम में जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच के निदेशक बिनोद महतो रसलीन एवं अध्यक्ष अशोक महतो के नेतृत्व में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति रात भर की गयी। इसमें बंगाल से आयी नेहा कुमारी एवं उसकी टीम की ओर से पांता नाच, झूमर नाच, खरसांवा से आयी प्रभात महतो की टीम की ओर से छौ नृत्य, गोनियाटो से आयी अन्ना हजारे टीम की झूमर व देशभक्ति नाच सह झांकी एवं जागो जगाओ संस्कृति कला मंच सिंहपुर की ओर से बलराम महतो के नेतृत्व में घोड़ा नाच व झूमर नाच की प्रस्तुति की गयी। इसके अलावा बोकारो के भतुवा से आयी खोरठा टीम की ओर खोरठा कविता व गीत की भी प्रस्तुति की गयी। इस अवसर पर कार्यशाला में सहयोग करनेवाले, प्रशिक्षण देनेवाले व प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाले प्रतिभागियों को संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते मुख्य अतिथि गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि कला संस्कृति को बचाने व इसे सहेजने की दिशा में जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने इस तरह के कार्य में हरसंभव मदद का भरोसा दिया। अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि झारखंड में झूमर, छौ नृत्य, घोड़ा नाच जैसी लोक कलाओं व कलाकारों को हर सम्भव मदद व सम्मान की जरूरत है, ताकि हमारी झारखंडी संस्कृति हमेशा अनुकरणीय हो। मौके पर काशीनाथ महतो, विनोद महतो रसलीन, अशोक महतो, खोरठा कलाकार व खोरठा युवा कवि संदीप कुमार महतो, चांदनी कुमारी, प्रदीप कुमार महतो, सरस्वती सिंह, दांतू मुखिया चंद्रशेखर नायक, खोरठा कवि एवं साहित्यकार शांति भारत, सुकुमार, प्रदीप कुमार दीपक, घनश्याम महतो, चंद्रदेव कपरदार, सुरेंद्र कपरदार, सरयू प्रसाद महतो, प्रेमचंद कालिंदी, शेखर शरदेंदु, नरहरी महतो, प्रभात महतो, दुर्गा चरण महतो, बलराम महतो, भूषण महतो, संदीप राम महतो, हरि महतो, नरेश महतो, धनंजय घांसी, काशीनाथ महतो के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।
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