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डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर द्वारा रचित हिन्दी कविता संग्रह कली और फूल तथा गाँधी मानस का लोकार्पण


महात्मा गाँधी उच्च विद्यालय, भुरकुण्डा सेवा निवृत्त शिक्षक, ए'ला एंगलाइज सीनियर सेकेन्डरी स्कूल के सचिव, झारखण्ड राष्ट्रभाषा के महासचिव, वरिष्ठ नागरिक मंच के सक्रिय सदस्य डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर द्वारा रचित हिन्दी कविता संग्रह कली और फूल तथा गाँधी मानस का लोकार्पण कार्यक्रम स्थानीय भुरकुण्डा पंचायत सचिवालय भवन के सभागार कक्ष में वरिष्ठ नागरिक मंच' के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ। इसमें वरिठ नागरिक मंच सदस्यों के साथ झारखण्ड राष्ट्रभाषा के सदस्य भी उपस्थित थे।
पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए प्रभाकर जी ने बताया कि 'कली और फूल में छोटी-बढ़ी, क्षणिकाएँ सभी तरह की कविताएँ संकलित है। कली का तात्पर्य प्रारम्भिक कविताएँ है जिन्हें उसने कॉलेज में पढ़ते समय (1970 से) लिखी गयी है, और फूल का तात्पर्य है विकसित अवस्था की कविताएँ जिन्हें 1980 के बाद लिखी गयी हैं। इसमेंप्रेषित पत्र, अभिनन्दन पत्र निवेदन वगैरह भी शामिल है। गाँधी मानस में महात्मा गाँधी को प्रत्तीक लेकर लिखा गया है। इसमें 1974 से 1977 तक की कुछ घटना यथा आपातकाल से जुड़ी हुई अनुभूतियाँ इसमें अभिव्यत हुई है। इसमें समाहित सभी कविताएँ शीर्षक के प्रथम अक्षर पर अनुच्छेद बनाकर लिखा गया है। इसमें कुल बीस कविताएँ हैं। इसमें समय का इतिहास है। किसी की निन्दा अथवा प्रशंसा नहीं है। शैली अन्तर होने के कारण इसे अलग करे प्रकाशित कराया गया है।
डॉ. प्रभाकर हिन्दी के अतिरिक्त खोरठा के रचनाकार है। इनके द्वारा लिखित पुस्तकें विनोबा भावे विश्वविद्यालय के खोरठा के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। खोरठा के वरिष्ठ साहित्यकार की श्रेणी में इनकी गिनती होती है। आठवीं से लेकर स्नातकोत्तर कक्षा तक के लिए खोरठा में पुस्तकें लिखते हैं। अभी तक दो दर्जन से ऊपर हिन्दी खोरठा की पुस्तकें लिख चुके हैं। खोरठा रत्न एवं साहित्य शिखर सम्मान इन्हें मिल चुका है।

कवि परिचय
डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर 
ग्राम साहेवा, पोस्ट हलमाद, सिल्ली, जवाहरनगर, मुरकुण्डा, पतरातू, जिला-रामगढ़ एम. ए. बी. एड, पीएच. डी. (1990) अध्यापन रामगढ़ उच्च विद्यालय कोयरी टोला (1974), कृ. ब. आदर्श उच्च विद्यालय लारी (1976-1978), महात्मा गाँधी उ. दि. मुरकुण्डा (28 मार्च 1978 से 29 फरवरी 2012 तक), बिरसा मुण्डा इन्टर कॉलेज रामगढ़ (1 अप्रैल 2012 से 2017 तक, प्राचार्य पद पर अवैतनिक सेवा)
कृति: पुटुस फूल (खोरठा कहानी संग्रह 1988), मरीचिका (हिन्दी, लघुकथा संग्रह, 1988), हिन्दी व्याकरण (1995), (आब ना रहा पटाइल, खोरठा कविता संग्रह, 2009 एवं 2024), खोरठा आलेख (रेडियो प्रसारित वार्ता लेख 2009एवं 2025), खोरठा लोककथाक नेवरा (2009), खोरठा भाषा साहित्यकार परिचय (2011),, खोरठा भाषा व्याकरण (2017), खोरठा लोक साहित्य सार (2022), खोरठा लोककथा विषय और विश्लेषण (शोध ग्रंथ 2018), खोरठा भाषा और साहित्य 2018, कली और फूल (2024), गौधीमानस (2024), खोरठा भाषा विज्ञान (2025), खोरठा भाषा शिक्षण (शीघ्र), हिन्दी भाषा और साहित्य (2021)
अन्य सेवा: झारखण्ड माध्यमिक शिक्षक मोर्चा का संस्थापक महासचिव (1995 से 2006 तक), झारखण्ड राष्ट्रभाषा परिषद, भुरकुण्डा का महासचिव, एला एंगलाइज प्लस टू स्कूल, मुरकुण्ठा के सचिव, कोल फील्ड एजुकेशनल ट्रस्ट, भुरकुण्डा का ट्रस्टी सदस्य एवं सचिव, खोरठा पाठ्यक्रम निर्माण समिति के सदस्य एवं अन्य सेवा में।
सम्मान खोरठा रत्न- 2019 (खोरठा बोकारो कमिटी की ओर से)
साहित्य शिखर सम्मान-2021 (अखिल झारखंड साहित्य अकादमी की ओर से)